Google Doodle Today: “अन्ना मणि” का गूगल ने डूडल पर मनाया 104वां जन्मदिन, कहा जाता है इन्हे “वेदर वुमन”
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Google Doodle Celebrates Anna Mani’s Birthday: आज यदि आप गूगल पर कोई सर्च करने जा रहे है तो आपको वहाँ पर एक महिला दिखाई दे रही है क्या आप जानते है यह महिला कौन है. यदि नहीं तो हम आपको बता दे की गूगल ने डूडल के जरिए इस महिला यानेकी “अन्ना मणि” का 104वां जन्मदिन मनाया है. Anna Mani ने मौसम का अवलोकन करने वाले उपकरणों के डिजाइन में अहम योगदान दिया है. जो भारत के मौसम के पहलुओं को मापने और पूर्वानुमान लगाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. आगे आपको “Anna Mani” के बारे मे और भी ज्यादा विस्तार से बताते है.
अन्ना मणि कौन है ?
यदि दोस्तों आपको भी नहीं पता “Anna Mani के बारे मे तो हम आपको यहाँ पूरा डिटेल्स मे बताएंगे की “अन्ना मणि कौन है” और क्यूँ गूगल ने डूडल पर “अन्ना मणि” को याद कीया है. अन्ना मणि का जन्म 23 अगस्त, 1918 को भारत के केरल राज्य के पीरूमेडू में हुआ था. भौतिक विज्ञानी और मौसम विज्ञानी अन्ना मणि को ‘भारत की मौसम महिला’ के तौर पर जाना जाता है. दरअसल, Anna Mani के प्रयास से ही भारत में मौसम का पूर्वानुमान संभव हुआ है. मौसम विज्ञान में अन्ना मणि के योगदान का सम्मान करने के लिए, Google ने आज, 23 अगस्त 2022 को उनके 104वें जन्मदिन पर स्पेशल डूडल बनाया है.
अन्ना मणि के बारे मे ?
यदि बात करे अन्ना मणि की पढ़ाई की तो अन्ना मणि ने 1939 में चेन्नई (मद्रास) के प्रेसिडेंसी कॉलेज से भौतिक और रसायन विज्ञान में ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की. इसके बाद भौतिकी में आगे की पढ़ाई के लिए वह 1945 में इंपीरियल कॉलेज, लंदन भी गईं. जहां से उन्होंने मौसम संबंधी उपकरणों की विशेषज्ञता हासिल की. 1948 में अन्ना मणि वापस भारत लौटी तो उन्होंने मौसम विभाग में नौकरी की शुरुआत की. उन्होंने मौसम विज्ञान उपकरणों से संबंधित कई रिसर्च पेपर भी लिखे हैं.
साल 1969 में अन्ना मणि को भारतीय मौसम विभाग में उप महानिदेशक के पद पर नियुक्त किया गया. अन्ना मणि ने बंगलुरु में एक कार्यशाला को भी स्थापित किया जो हवा की गति और सौर ऊर्जा को मापने का काम करती थी, इसके अलावा उन्होंने ओजोन परत पर भी रिसर्च की थी. 1976 में वह भारतीय मौसम विभाग की उप-निदेशक पद से सेवानिवृत हुईं.
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इस पुरुस्कार से किया गया अन्ना मणि को सम्मानित
अन्ना मणि ने अपने जीवन में गांधीवादी मूल्यों का पालन किया. अधिकतर वह खादी के कपड़े पहनती थीं. मौसम विज्ञान के क्षेत्र में योगदान के लिए अन्ना मणि को साल 1987 में INSA K. R. Ramanathan Medal से सम्मानित किया गया था.16 अगस्त 2001 को अन्ना मणि ने तिरुवनंतपुरम में इस दुनिया को अलविदा कह दिया. लेकिन जो काम अन्ना मणि ने किया वह सही मे भारत देश को एक नई राह दिखाने वाला है.
अगर यदि आज भारत मौसम की जानकारी दे पता है या फिर जो कुछ भी वह सब कुछ अन्ना मणि की वजह से ही है. अन्ना मणि की वजह से है भारत मौसम की जानकारियों को हासिल कर पाया है. आशा करते है आपको आज यह जानकारी बड़ी खुशी हुई होगी तो यही था इस पोस्ट मे मिलते है एक और नई अपडेट के साथ तब तक “जय हिन्द जय भारत”
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