राजनीति: दोस्तों अपने नरेंद्र मोदी अमित शाह योगी आदित्यनाथ जैसे अनेकों दिग्गज नेता देखे होंगे और पार्टियों के लिए काम करते हुए अनेकों कार्यकर्ता देखें होंगे राजनीति में एक इल्जाम लगाते हुए संसद में नेता देखे होगे ये सभी कुछ राजनीति के पहलू है। और राजनीतिक बहुत से बेसिक सिद्धांतों पर चलती है।
भारतीय राजनीति में राजनेता अगर देखा जाए तो जेब ही भरते हैं बहुत कम ऐसे राजनीतिज्ञ होंगे जो देश को सर्वपरी रखते होंगे।आज हम आपको बताने जा रहे हैं भारतीय राजनीति की कुछ विशेष बातें।
भारतीय राजनीति में भ्रष्ट नेता होने लगे है
भारतीय राजनीति में कभी एक ऐसा भी समय था जब अटल बिहारी वाजपेई,जवाहरलाल नेहरू,मनमोहन सिंह जैसे दिग्गज राजनेता हुआ करते थे जो देश को सर्वोपरि रखकर चलते थे उसे समय केवल राजनीतिक विरोध हुआ करता था अगर संसद में किसी बात को लेकर विरोध हुआ करता था।
तो वह केवल संसद तक ही सीमित रहता था उसे विरोध को व्यक्तिगत रूप से नहीं लिया जाता था यह बताओ ही बता देता है कि वे किस तरह के राजनेता हुआ करते थे परंतु अब भारत की राजनीति बिल्कुल भी वैसी नहीं रही है।
भारतीय राजनीति में अब बहुत से बदलाव आ गए हैं अब उस तरह के नेता नहीं रहे हैं अब नेता अपनी पोजीशन बचाने के लिए विरोध नहीं करते हैं बल्कि और गलत काम को बढावा देने लग जाते है।
कितनी बदली भारत की राजनीति
भारत की राजनीति ऐसी राजनीति जो आज के समय में लोकतंत्र के सबसे सही पायदान पर है भारत की राजनीति जिसमें सभी व्यक्ति को समानता अधिकार प्रदान करने के लिए चुनाव होता है परंतु इसके बाद भी भारतीय राजनीति में बहुत त्रुटियां भी है।
भारतीय राजनीति में अब बहुत से बदलाव आ गए हैं सर्वप्रथम तो अब संसद या नताओं मैं बोलने की मर्यादा नहीं रही है संसद में भी यह नेता एक दूसरे को विरोध करते-करते बात को व्यक्तिगत स्तर पर ले जाते हैं जबकि पहले ऐसा नहीं था।
अटल बिहारी वाजपेई और पंडित जवाहरलाल नेहरू के बीच था जब पंडित नेहरू का अटल बिहारी वाजपेई खुलकर विरोध करते थे और पंडित नेहरू किसी से जब अटल बिहारी वाजपेई का इंट्रोड्यूस करवाते थे बोलते थे कि यह युवा आगे चलकर देश का प्रधानमंत्री बनेगा मुझे इसमें संभावना लगती है।
परंतु अब ऐसी राजनीति नहीं देखने को मिलती है अब लोग राजनीतिक लड़ाई को व्यक्तिगत लड़ाई समझ लेते हैं और आपसी मनमुटाव कर बैठते हैं