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Chandrayaan-3 में प्रज्ञान रोवर और विक्रम लैंडर का क्या काम है?

जैसे कि आपको यह जानकारी मिल ही गई होगी कि 12 जुलाई दोपहर 2:35 पर भारत के इसरो द्वारा chandrayaan-3 को चांद के दक्षिण ध्रुव में भेज दिया है। और आज के इस लेख में हम chandrayaan-3 के बारे में बात करेंगे। आपने chandrayaan-3 के विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर के बारे में जरूर सुना होगा। लेकिन काफी लोगों को विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है लेकिन आज के इस लेख में हम आपको chandrayaan-3, विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारी देंगे।

चंद्रयान 3 क्या है?

Indian Space Agency ISRO ने 12 जुलाई दोपहर 2:35 पर चंद्रयान-3 को लॉन्च कर दिया है, चंद्रयान-3 दोपहर 2 बजकर 35 मिनट पर श्रीहरिकोटा के सतीश धवन सेंटर से लॉन्च हुआ है, ये भारत का तीसरा मून मिशन है। चंद्रयान-3 को चंद्रयान-2 का फॉलोअप मिशन बताया जा रहा है। मिशन का मकसद चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग करना है।

चंद्रयान-3, चंद्रयान-2 का ‘अनुवर्ती’ मिशन है जो चंद्रमा पर एक अंतरिक्ष यान उतारने और चंद्र की सतह का पता लगाने के लिए एक रोवर तैनात करने का प्रयास करेगा। रोवर चंद्रमा की संरचना और जियोलॉजी पर डेटा एकत्र करेगा। यदि chandrayaan-3 मिशन कामयाब रहा तो वैज्ञानिकों को चंद्रमा से जुड़ी काफी महत्वपूर्ण जानकारी मिल जाएगी।

चंद्रयान-3 के लैंडर और रोवर के नाम विक्रम और प्रज्ञान ही क्यों’


चंद्रयान-3 के लॉन्च से पहले कई लोगों के मन में इसके लैंडर और रोवर के नाम को लेकर सवाल हैं। आपको बता दें कि चंद्रयान-2 के लैंडर और रोवर का नाम भी यही था। इसमें इस बार कोई बदलाव नहीं किया गया है।

Chandrayaan-3 में प्रज्ञान रोवर और विक्रम लैंडर का क्या काम है?

चंद्रयान-3 के लैंडर का नाम डॉ. विक्रम साराभाई के नाम पर रखा गया है। विक्रम साराभाई को भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम (Indian Space Programme) का जनक कहा जाता है। चंद्रयान-3 के लैंडर और रोवर की मिशन लाइफ एक चंद्र दिवस की है। यह लैंड करने के लिए चंद्रयान-2 के सी-2 ऑर्बिटर की तस्वीरों का इस्तेमाल करने वाला है। लैंडर के लेग्स को चंद्रयान-2 से ज्यादा मजबूत किया गया है।

रोवर की बात करें तो चंद्रयान-3 के रोवर का नाम प्रज्ञान रखा गया है, जिसका मतलब है- ‘बुद्धिमता’ (wisdom)। रोवर को यह नाम इसलिए दिया गया है, क्योंकि वैज्ञानिकों का मानना है कि रोवर को अपनी बुद्धि का इस्तेमाल करके चांद की सतह पर कई चीजों की जानकारी इकट्ठा करनी है।

प्रज्ञान रोवर और विक्रम लैंडर का क्या काम है?

ISRO के मुताबिक, Chandrayan-3 के तीन मकसद हैं। पहला- विक्रम लैंडर की चांद की सतह पर सुरक्षित और सॉफ्ट लैंडिंग करना। दूसरा- प्रज्ञान रोवर को चांद की सतह पर चलाकर दिखाना और तीसरा- वैज्ञानिक परीक्षण करना।

अगर इसरो चंद्रयान 3 को चांद की सतह पर सफलतापूर्वक लैंड कराने में कामयाब हो जाता है तो भारत चौथा देश बन जाएगा जिसने चांद की सतह पर सफलतापूर्वक लैंडिंग कराई हो इससे पहले अमेरिका रूस और चाइना ही इस कारनामे को कर पाए हैं। यदि भारत chandrayaan-3 को सफलतापूर्वक लैंड करा देता है तो भारत भी इस सूची में अपना नाम दर्ज करवा पाएगा।

निष्कर्ष – उम्मीद करते हैं आपको हमारे द्वारा दी गई जानकारी पसंद आई होगी और आपको chandrayaan-3 से संबंधित सभी जानकारी मिल गई होगी यदि आपको हमारे द्वारा दी गई जानकारी पसंद आए तो आप इस लेख को अपने सभी दोस्तों एवं परिवारजनों के साथ जरूर सांझा करें ताकि उनको भी इस महत्वपूर्ण जानकारी के बारे में पता चले।

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