आजादी का अमृत महोत्सव (हर घर तिरंगा) कब ओर कैसे करे : भूल कर भी न कर देना ये गलती ?
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आजादी का अमृत महोत्सव (हर घर तिरंगा) तो नमस्कार दोस्तो । कैसे है आप सब आशा करते है आप सब ठीक ही होंगे , तो एक बार फिर से आपका बहुत बहुत स्वागत है हमारी आज की नयी पोस्ट आजादी का अमृत महोत्सव (हर घर तिरंगा) कब ओर कैसे करे : भूल कर भी न कर देना ये गलती मे जिसमे आज हम आपको देंगे , कुछ जरूरी जानकारी । तो सबसे पहले आपको बात दे की देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबसे अपील की है हर घर तिरंगा लगाने की, ओर आजादी का अमृत महोत्सव (हर घर तिरंगा) मनाने की तो आइये पूरी जानकारी के लिए पोस्ट को स्टार्ट करते है ॥
आजादी का अमृत महोत्सव (हर घर तिरंगा) :
स्वतंत्रता दिवस को लेकर देशभर में तैयारियां जोरों पर हैं. इस साल का स्वतंत्रता दिवस खास है, क्योंकि देश की आजादी का यह 75वां साल है. इस मौके पर ) के तहत देशभर में कई तरह के आयोजन किये जाने हैं. सरकार ने ‘हर घर तिरंगा’ अभियान भी चलाया है. आजादी का अमृत महोत्सव (हर घर तिरंगा)के लिए नियमों में भी बदलाव किये गए. बदलाव के बाद अब आप 13 से 15 अगस्त तक अपने घर में दिन या रात कभी भी तिरंगा फहरा सकेंगे. आजादी की सालगिरह के मौके पर कई पुराने किस्से भी सुनने को मिलते हैं.
15 अगस्त क्यो मनाते है :
देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने 15 अगस्त, 1947 को दिल्ली में लालकिले के लाहौरी गेट के ऊपर तिरंगा फहराया था. इसके बाद ये यह एक परंपरा है जिसका पालन हर साल प्रधानमंत्रियों द्वारा किया जाता है. झंडा फहराने के साथ-साथ लालकिले की प्राचीर से प्रधानमंत्री का राष्ट्र के नाम संबोधन भी होता है. तिरंगा झंडा यह दर्शाता है कि हम अब एक स्वतंत्र भारत में रहते हैं. आइए जानते हैं कि 15 अगस्त को भारत के स्वतंत्रता दिवस के रूप में क्यों चुना गया
स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान कई वर्षों और महीनों के संघर्ष, कठिनाई और अहिंसा अभियानों के बाद ब्रिटिश संसद ने आखिरकार लॉर्ड माउंटबेटन को 30 जून, 1948 तक सत्ता हस्तांतरित करने का जनादेश दिया. हालांकि माउंटबेटन ने इसे संशोधित कर 15 अगस्त 1947 को सत्ता सौंपने की तारीख निर्धारित कर दी. 15 अगस्त 1947 ही वह भाग्यशाली दिन था जब भारत को ब्रिटिश उपनिवेशवाद से स्वतंत्र घोषित किया गया और नियंत्रण की बागडोर देश के नेताओं को सौंप दी ।
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कैसा है भारत का राष्ट्रीय ध्वज :
भारत का राष्ट्रीय ध्वज तीन रंगों का है। इसे तिरंगा कहते हैं। तिरंगे में सबसे ऊपर केसरिया, बीच में श्वेत और सबसे नीचे हरा रंग होता है। श्वेत रंग पर नीले रंग का अशोक चक्र का चिन्ह होता है। अशोक चक्र में 24 तीलियां होती हैं। राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे के निर्माता पिंगली वेंकैया थे।
ध्वजारोहण और तिरंगा फहराने में अंतर:-
सबसे पहले तो आपको ये पता होना चाहिए कि 15 अगस्त को ध्वजारोहण किया जाता है और 26 जनवरी को तिरंगा फहराया जाता है। ध्वजारोहण और झंडा फहराने के बीच एक बड़ा अंतर है। जब तिरंगे को नीचे से रस्सी के माध्यम से खींचकर फहराया जाता है, तो इसे ध्वजारोहण (Flag Hoisting) कहते हैं। लेकिन 26 जनवरी में तिरंगा ऊपर ही बंधा होता है, जिसे पूरा खोलकर फहराया जाता है। इसे झंडा फहराना (Flag Unfurling) कहते हैं।
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