होली का पर्व क्यों मनाया जाता है? विस्तार से जाने
आज का यह आर्टिकल आपके लिए बहुत ही दिलचस्प होने वाला है क्योंकि आज के इस आर्टिकल में हिंदू धर्म के पर्व होली के बारे में कुछ खास बातें जानेंगे वैसे तो हम सभी जानते हैं, कि होली एक बहुत ही बड़ा पर्व है हमारे हिंदू धर्म के लिए आज हम होली के ऊपर एक निबंध आपको बताने वाले क्योंकि कभी-कभी ऐसा होता है कि जब हमारा होली का त्यौहार आने वाला होता है तो बच्चों की स्कूल में भी होली के लिए निबंध लिखने को कहा जाता है तो इसीलिए हम बच्चों की सहायता के लिए एक निबंध होली पर आपको लिखकर दे रहे हैं किसके द्वारा आपको बहुत सहायता मिलेगी तो चलिए शुरू करते हैं।
होली का पर्व क्यों मनाया जाता है?
होली हिंदुओं का एक बहुत ही बड़ा और प्रमुख त्योहार है और यह त्योहार फागुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है क्या आप जानते हैं कि इस त्योहार को मनाने के पीछे एक पौराणिक कथा है जी आपकी जानकारी के लिए बता दें कि राजा हिरण्यकश्यप जोकि भक्त प्रहलाद के पिता थे वह स्वयं को भगवान मानते थे।
राजा हिरण्यकश्यप विष्णु भगवान की प्रबल विरोधी थी जबकि प्रहलाद विष्णु जी की भक्त थे और उन्हें ही भगवान मानती थी यह बात है ना कश्यप को बिल्कुल भी पसंद नहीं आती थी और उन्होंने पहलाद को विष्णु भक्ति करने से मना भी किया था, लेकिन पहलाद ने उनकी एक न सुनी उसके बाद उन्होंने पर लात को जान से मारने की आज्ञा दी लेकिन पहलाद हमेशा बच जाते थे और जब ऐसा बार-बार होने लगा तो हिना कश्यप ने है रात को आग में जलाने का आदेश दे दिया और इसके लिए उन्होंने अपनी बहन होलिका से मदद मांगी थी क्योंकि होलिका को आग में ना जलने का वरदान मिला हुआ था इसलिए होलिका ने अपने भाई हिना कश्यप की सहायता करने के लिए हां कर दी और इसके बाद होलिका जी पहलाद को अपनी गोद में लेकर जलती हुई चिता में बैठ जाती है लेकिन भगवान विष्णु की कृपा से पहलाद जी को कुछ नहीं होता और होलिका जी जल जाती है।
किसी के प्रति रूप में होली 1 दिन पूर्व रात्रि को लकड़ी की होलिका जलाई जाती है और इसके बाद अगले दिन होली का धमाल यानी रंगों का त्योहार शुरू हो जाता है जिसमें बच्चे बड़े सभी रंगों से होली का त्यौहार मनाते हैं कोई लाल तो कोई पीला रंग एक दूसरे के ऊपर डालते हैं और अपने गिले-शिकवे भुलाकर गले मिलते हैं होली के इस पावन पर्व पर सभी लोग गुजिया पापड़ व मिठाइयां बनाते हैं।
इसके अलावा भी होली के त्यौहार पर सभी घर के बड़े बुजुर्गों से घर के छोटे उनका पैर छूकर आशीर्वाद लेते हैं यह त्योहार बच्चों के लिए बहुत ही खास होता हैै, और बच्चे इस दिन बहुत मस्ती करते हैं। यह था होली का पौराणिक महत्व की होली क्यों मनाई जाती है लेकिन अब हम आपको होली पर एक निबंध बताएंगे।
होली पर निबंध
होली का त्योहार रंगों से भरा एक बहुत ही हिंदुओं का प्रमुख त्योहार है यह फाल्गुन माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है और पूर्णमासी की रात को लकड़ी की होलिका बनाकर जलाई जाती है और अगले दिन सुबह को रंगों से होली का त्यौहार मनाया जाता है और एक दूसरे के गले लग कर सभी बच्चे बड़े अपने गिले-शिकवे दूर करते हैं बड़े बुजुर्गों का पैर छूकर आशीर्वाद लेते हैं। होली का त्योहार मनाने की पीछे एक पौराणिक मान्यता है और होली का त्यौहार ब्रज में बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है ब्रज में होली लठमार तरीके से खेली जाती है यानी लठमार होली कहते हैं ब्रज की होली को ब्रज की होली को देखने के लिए विदेशों से भी लोग आते हैं।
रंगों के इस त्यौहार को मनाने के बाद शाम को सभी लोग नए कपड़े पहन के दूसरे से गले मिलते हैं और सभी के घर में गुजिया, पापड़ बहुत ही अच्छे-अच्छे पकवान बनाए जाते हैं। होली एक ऐसा त्योहार है जो हमारी समाज को एकता व भाईचारे का संदेश देता है लेकिन वहीं कुछ लोग होली का गलत फायदा उठाते हैं, और होली के दिन अपनी दुश्मनी निकालते हैं इसी वजह से कुछ लोग होली पसंद नहीं करते हैं, लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं होना चाहिए यह एक एकता व प्यार का त्यौहार है तो होली के त्योहार को हमेशा प्यार से मनाएं अपनी गिले-शिकवे दूर करे किसी के साथ भी दुश्मनी ना निकाले एवं इस दिन बिल्कुल भी नशे या किसी भी गलत चीज का सेवन ना करें।
होली के त्यौहार पर सभी को एक संदेश देना चाहिए कि इस दिन नशे इत्यादि से दूर रहना चाहिए और लोगों को इस चीज के लिए जागरूक करें कि इस त्यौहार को प्रेम के साथ मनाएं।