भगवान शिव में होता है इन सब का वास
देवों के देव शिवशंकर भोलेनाथ अपने भक्तों के मन की बात बहुत ही जल्द सुनते हैं. मन से पूजा करने पर भगवान शिव प्रसन्न हो जाते हैं, इसलिए वे सबसे प्रिय देवता माने जाते हैं।
पद्मपुराण के अनुसार शिवलिंग के जिस हिस्से से पानी बाहर आता है वहां पर भगवान शिव और देवी पार्वती की बेटी अशोक सुंदरी का स्थान है।
शिव पुराण की मानें तो शिवलिंग के जलाधारी के आगे की तरफ जो पद चिन्ह नजर आता वहां भगवान कार्तिक और गणेश जी का स्थान होता है।वहीं जलाधारी के पीछे एक गोल स्थान होता है वहां पर माता पार्वती का हस्त कमल होता है जहां माता का वास माना गया है।
शिवलिंग के साथ ऐसा कभी मत करना
वैसे तो घर में कोई भी शिवलिंग रख सकता है लेकिन इससे जुड़े नियमों की जानकारी होना जरूरी है। शिवलिंग के साथ कभी भी ऐसी गलती नही करनी चाइए
- तुलसी के बिना भगवान नारायण की पूजा कभी भी संपन्न होती है परन्तु भूल से भी तुलसी को शिवलिंग पर अर्पित नहीं करना चाहिए ऐसा करने के पीछे मान्यता है कि तुलसी के पति जालंधर राक्षस का वध भगवान शिव ने वध किया था उस धय से तुलसी का शिवलिंग पर अभिषेक उचित नही है।इसलिए तुलसी का उपयोग कभी भी शिवलिंग पर नहीं करना चाहिए
- केतकी के फूल ने ब्रह्मा के कहने पर भगवान शंकर से झूठ बोला था जिस बात से शंकर भगवान को केतकी पर बहुत क्रोध आया था जिस कारण शंकर भगवान ने केतकी को यह श्राप दिया कि वे कभी भी भगवान शिव की पूजा में उपयोग में नहीं ली जाएंगी।
- घर में शिवलिंग स्थापित करने से पहले स्थान का ख्याल रखना बेहद जरूरी है।घर में रखे शिवलिंग को अकेले नहीं रखना चाहिए. उसके साथ भगवान शिव के परिवार की फोटो भी रखनी चाहिए।ध्यान रहे कि घर के कोने में शिवलिंग न रखें ऐसी जगह का चुनाव करने से भगवान शिव की ठीक से पूजा नहीं हो पाती है। तो इससे भगवन शिव क्रोधित हो जाते हैं और जीवन में गलत प्रभाव पड़ सकता है
- घर में रखे शिवलिंग पर भूल से भी सिंदूर ना चढ़ाएं. क्योंकि औरत की मांग में सिंदूर को पति की लंबी आयु से जोड़कर देखा जाता है और भगवान शिव विनाश के देवता है तो इस लिए कुछ विद्वानों के अनुसार शिवलिंग पर कभी सिंदूर नहीं चढ़ाना चाहिए।