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अर्जुन वैली गाने के पीछे की असली सच्चाई|अर्जुन वैली सॉन्ग|अर्जुन वैली का सिखो से क्या संबंध अर्जुन वैली

अर्जुन वैली गाने की कहानी|कौन थे अर्जुन वैली

नमस्कार दोस्तों! इस आर्टिकल के माध्यम से हम आज आपको बताने जा रहे है अर्जुन वैली गाने के बारे में,सिखो से इस गाने का क्या संबंध है।

एनिमल मूवी का अर्जुन वैली सॉन्ग

भूपिंदर बब्बल की आवाज में संदीप रेड्डी वांगा की रणबीर कपूर अभिनीत फिल्म ‘एनिमल’ का गाना ‘अर्जन वैली’ (Story Behind Arjan Vailly Song From Animal) काफी धूम मचा रहा है।

क्या आप उस गाने के पीछे का मतलब और कहानी जानते  हैं? हाल ही में दिलजीत दोसांझ इस गाने की प्रशंसा की है. दिलजीत ने फिल्म का टीज़र शेयर करते हुए सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रिया दी है।

 

अर्जुन वैली गाने के पीछे की कहानी

यह गाना ढाडी-वार संगीत पर बनाया गया है जिसे गुरु गोबिंद सिंह ने मुगलों से लड़ते समय अपने लोगों में साहस पैदा करने के लिए गाया था. यह एक युद्धघोष की तरह था।

यह गीत मूल रूप से कुलदीप मानक ने गया है, जो अर्जन सिंह नलवा पर आधारित है. जिन्हें अर्जन वैली के नाम से भी जाना जाता है।

ये हरि सिंह नलवा के पुत्र थे, जो 18 वीं शताब्दी में सिख खालसा फौज के कमांडर-इन-चीफ रहे थे. सिख साम्राज्य के हरि सिंह को बाघ मार भी कहा जाता था क्योंकि एक बार उन्होंने उस बाघ को मार डाला था।

जिसने उन पर हमला किया था और उनके घोड़े को मार डाला था. उन्होंने उसको अपने ढाल और खंजर से मार गिराया था।

अर्जुन वैली गाने का अर्थ

यह गाना पिता-पुत्र के रिश्ते को दर्शाता है. अर्जन वैली को रणबीर कपूर के किरदार के रूप में संदर्भित किया गया है, जो खून से सनी शर्ट में अपने हाथों में कुल्हाड़ी लिए हुए हैं।

और जाहिर तौर पर अपने पिता के लिए लोगों को मार रहे हैं।गाने की पहली लाइन ‘हो खड़े विच डांग खड़के, ओथे हो गई लड़ाई भारी‘ का मतलब है कि भीड़ में बड़ी लड़ाई हो रही है.

अर्जन वैली के गाने की सबसे लोकप्रिय पंक्ति “अर्जन वैली ने पैर जोड के गंडासी मारी” का अर्थ यह है कि अर्जन वैली ने पूरी ताकत से अपने पैर जोड़कर कुल्हाड़ी मारी।

कौन थे अर्जुन सिंह नलवा 

अर्जुन सिंह नलवा सिख कमांडर हरी सिंह नलवा के पुत्र थे जगरोअन के पास काउंके गांव, जो वर्तमान पंजाब के लुधियाना के पास है।

अर्जन सिंह नलवा ने अपने भाई जवाहिर सिंह नलवा के साथ अपने पिता हरि सिंह की मृत्यु के बाद बढ़ते ब्रिटिश विस्तारवाद के खिलाफ सिख राज्य की संप्रभुता के खिलाफ बहादुरी से लड़ाई लड़ी

 

 

 

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