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जब विवश थे अटल बिहारी वाजपेई जी|अटल बिहारी वाजपेई

कंधार कांड में क्यों प्रधानमंत्री जी को आतंकवादियों से सामने जुकना पड़ा था

क्या है कंधार कांड

24 दिसंबर 1999 को एक विमान हाईजैक (Plane Hijack) मामले ने दुनिया को हिला दिया था. इस हाईजैक को कंधार कांड (Kandhar Kand) या कंधार प्लेन हाईजैक भी कहा जाता है।

24 दिसंबर 1999 को नेपाल से दिल्ली आ रहे एयर इंडिया के IC841 प्लेन को आतंकवादियों ने हाईजैक कर लिया था. प्लेन को अपने कब्जे में करने के बाद आतंकवादी इस प्लेन को अफगानिस्तान के शहर कंधार लेकर गए थे। 176 यात्रियों और 11 क्रू सदस्यों की जान का सौदा हाईजैकर्स ने 3 खूंखार आतंकवादियों की रिहाई से किया था. भारत सरकार को विवश होकर तीनों आतंकवादियों को छोड़ना पड़ा था।

इन आतंकियों के नाम थे मसूद अजहर, उमर शेख और मुश्ताक अहमद. इस मामले में सीबीआई ने दस लोगों को आरोपी बनाया था. इनमें से सात के बारे में माना जाता है कि वो पाकिस्तान में हैं. इनमें पांच अपहरणकर्ता भी शामिल हैं।

 

ये तीन आतंकवादी थे ,मसूद अजहर, उमर शेख और मुश्ताक अहमद

भारत के कब्जे से छूटने के बाद मसूद अजहर पाकिस्तान में अपने आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद को मजबूत करने लगा. कंधार कांड के बाद मसूद अजहर ने अपने आतंकी संगठन की मदद से भारत पर कई आतंकी हमले किए।

इनमें भारतीय संसद पर हमला, मुंबई हमला, पठानकोट एयरबेस पर हमला और पुलवामा हमला शामिल है. पिछले साल यूनाइटेड नेशंस ने अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित किया है. कुछ दिन पहले खबर आई थी कि मसूद अजहर किडनी की गंभीर बीमारी से जूझ रहा है।

उमर शेख  नाम का आंतकी सबसे ज्यादा कुख्यात वॉल स्ट्रीट जर्नल के पत्रकार डेनियल पर्ल की हत्या को लेकर हुआ. आरोप लगाया जाता है कि उसी ने डेनियल पर्ल को फंसाकर बुलाया था।

इस मामले में उसे मौत की सजा सुनाई गई थी मगर पाकिस्तान की एक कोर्ट ने इस मामले में उमर शेख समेत सभी आरोपियों को बरी कर दिया था. अब इस मामले की सुनवाई पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट में चल रही है. कोर्ट ने आरोपियों के रिहा करने के हाईकोर्ट के ऑर्डर पर स्टे लगा दिया है।

मुश्ताक जरगर  ने आजाद किए जाने के बाद कश्मीर में कई ग्रेनेड हमले करवाए. पिछले साल सीआरपीएफ के जवानों पर हुए हमले में मुश्ताक का भी हाथ माना जाता है. आपको बता दें कि मुश्ताक मूल रूप से कश्मीर का ही रहने वाला है।

एक यात्री की गई थी जान

जिस वक्त विमान का अपहरण हुआ उस पर कुल 179 यात्री और 11 क्रू मेंबर सवार थे. विमान हाईजैक करवाने वाले आतंकियों ने खौफ पैदा करने के लिए हाईजैकिंग के कुछ ही घंटों में एक यात्री रूपन कात्याल को मार दिया था

25 साल के रूपन कात्याल की उसी वक्त शादी हुई थी और वह अपनी पत्नी के साथ हनीमून पर गए थे. आतंकियों ने उन्हें चाकुओं से गोदकर मार दिया था।

विदेशी मंत्री खुद आतंकियों को लेकर गए कंधार

31 दिसंबर को सरकार और अपहरणकर्ताओं के बीच समझौते के बाद दक्षिणी अफगानिस्तान के कंधार एयरपोर्ट पर अगवा रखे गए सभी 155 बंधकों को रिहा कर दिया गया।

ये ड्रामा उस वक्त ख़त्म हुआ जब वाजपेयी सरकार भारतीय जेलों में बंद कुछ आतंकियों को रिहा करने के लिए तैयार हो गई. तत्कालीन अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के विदेश मंत्री जसवंत सिंह ख़ुद तीनों आतंकियों को अपने साथ कंधार ले गए थे।

छोड़े गए आतंकियों में जैश-ए -मोहम्मद के प्रमुख मौलाना मसूद अज़हर, अहमद ज़रगर और शेख अहमद उमर सईद शामिल थे।

 

 

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